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Why Cow is called Mother in Sanatan Hindu Religion
गाय को सनातन हिन्दू धर्म में क्यों माँ कहा गया
Cow / गाय को सनातन हिन्दू धर्म में क्यों माँ कहा गया है । आईये जानें कुछ अनछुए तथ्य व सत्य… स्वयं भी पढ़े एवं बच्चों को जरुर पढ़ाये व बतायें.
गाय की पूरी शारीरिक संरचना विज्ञान पर आधारित है। गाय से उत्सर्जित एक-एक पदार्थ में ब्रह्म उर्जा , विष्णु उर्जा और शिव उर्जा भरी हुई है। गाय को आप कितने ही प्रदूषित वातावरण में रख दीजिये या कितना ही प्रदूषित जल या भोजन करा दीजिये गाय उस जहर रूपी प्रदूषण को दूध , दही , गोबर , गौ-मूत्र , या साँस के रूप में कभी बाहर नहीं उत्सर्जित करती है बल्कि गाय उसे अपने शरीर में ही धारण कर लेती है। आपको जो भी देगी विशुद्ध देगी।
गाय का दूध :-
गाय के दूध में अग्नि तत्व है। तथा इस दूध के भीतर 85 % जल तत्व है। आजकल 70 % लोग थैलियों का दूध पी रहे हैं जब पूरे भारत में 20 से 22% प्रतिशत ही दूध उपलब्ध है तो बाकी का 80% दूध कहाँ से आ रहा है ….?
डेनमार्क , अर्जेंटीना , मलेशिया आदि अनेक देशों से A1 टाइप दूध का पाउडर भारत आयात करता है फिर उसको प्रोसेस करके उसमे तीव्र रासायनिक जहर ” हाइड्रोजन पराऑक्साइड व सोडियम लोरेन सल्फेट ” मिलाया जाता है। इतना ही नहीं हमारे स्वास्थ्य से पूरी तरफ खिलवाड़ कर रही अनेक डेयरियों में दूध का बहुत बड़ा काला धंधा चलता है उसमे सोयाबीन का दूध , यूरिया था अनेक रसायन मिलाकर कृतिम दूध को तैयार करके बेचते हैं। आप सरकार या सरकार के किसी भी जिम्मेदार कर्मचारी से पूंछेंगे वह नहीं बताएगा। क्योंकि सच्चाई बताने के लिए उन्हें मना किया गया है। जो डेयरी दूध वह आपको पिला रहा है वह जहर युक्त दूध खुद उसके घरो में प्रयोग नहीं होता है।
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जो बालक बचपन से ही गाय का दूध पीते है , उनकी बुद्धि तो कुशाग्र होती ही है साथ ही साथ उनका ब्रह्म तेज भी बढ़ता है जिसके कारण उसके अन्दर ” ब्रह्मचर्य ” साधने की शक्ति आ जाती है उसका औरा मंडल बढ़ जाता है। बुद्धि के तीनो रूप धी , धृति , स्मृति असामान्य होती है। इसीकारण उसके भीतर सात्विक गुणों का अधिकता पायी जाती है। उसका पुरुषार्थ तेजोमय होता है।
गाय की दही : –
गाय की दही में 60 % जल तत्व है। गाय की छाछ गाय के दूध से 400 गुना ज्यादा लाभकारी है। इसलिए गाय के छाछ को अमृत कहा जाता है। इसमें इतने अधिक पोषक तत्व होते हैं कि आप सोच भी नहीं सकते है।
छाछ बनाने की अलग-अलग विधियाँ है। छाछ को किस जलवायु में कितनी मात्रा में पानी मिलाकर बनाना है इसका अलग-अलग तरीका है। तभी यह पूरा लाभ प्रदान करती है।
गाय का मक्खन : –
गाय के मक्खन में 40% जल तत्व है। मक्खन अद्भुत है इसके अन्दर भरपूर ब्रह्म उर्जा होती है। ब्रह्म उर्जा के बिना मानव के अन्दर सत्वगुण नहीं आते हैं। विना सत्वगुण के सवेदनशीलता शून्य हो जाती है। मान लीजिये किसी ने गुंडेगर्दी से आपके गाल पर थप्पड़ मार दिया तो आपके अन्दर यदि संवेदनशीलता नहीं है तो आप वर्दास्त कर लेंगे अन्यथा आप उस थप्पड़ का जरुर जबाब देंगे।
आज बाजार में बटरआयल चल रहा यानि दूध से निकाली गयी क्रीम का आयल जो आपके भीतर संवेदनशीलता ख़त्म कर रहा है। भगवान् श्री कृष्ण ने मक्खन के कारण ही इतनी आसुरी शक्तियों का नाश किया।
गाय का गोबर : –
गाय के गोबर में 23 % आक्सीजन की मात्रा होती है। गाय के गोबर से बनी भस्म में 45 % आक्सीजन की मात्रा मिलती है। गाय के गोबर में मिट्टी तत्व है यदि आपको परिक्षण के लिए शुद्ध मिट्टी चाहिए तो गाय के गोबर से शुद्ध मिट्टी तत्व का उदहारण आपको कही नहीं मिलेगा। आक्सीजन भी भरपूर है यानि गोबर से ही वायु तत्व की पूर्ति हो रही है।
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यह ध्यान रखें कि गाय के गोबर की भस्म बनाने का एक तरीका है , तभी आपको परिष्कृत शुद्ध आक्सीजन तथा पूर्ण तत्व मिल पायेगा। गाय के गोबर की भस्म मकर संक्रांति के बाद बनायीं जाती है।
गौ-मूत्र :-
गाय के मूत्र में विषय में आपने कई बार पढ़ा होगा कि गौ-मूत्र के अन्दर अनेक जीवनपयोगी रासायनिक तत्व हैं। गौ -मूत्र में भगवन धन्वतरि का निवास है , जो देवताओं के वैद्य है। अकेले गौ-मूत्र के अन्दर 70 से भी अधिक विमारियों को ख़त्म करने की शक्ति। गौ-मूत्र ही एक ऐसी औधधि है , जिससे वात-पित्त और कफ नियंत्रित होता है। गौ -मूत्र से टी वमा , अस्थमा , कब्ज , कैंसर , वात व के अनेक पेट रोग ठीक होते हैं।
गोबर और गौ-मूत्र पर आपने अनेक लेख पढ़े होंगें लेकिन
अगर आप गौ-भस्म को ध्यान से पढ़ेगें तो पायेंगे कि यह गौ भस्म ( राख ) आपके लिए कितनी उपयोगी है। साधू -संत लोग संभवतः इन्ही गुणों के कारण इसे प्रसाद रूप में भी देते थे। जब गोबर से बनायीं गयी भस्म इतनी उपयोगी है तो गाय कितनी उपयोगी होगी यह आप सोच सकते है। आपको एक लीटर पानी में 10-15 ग्राम यानि 3-4 चम्मच भस्म मिलाना है , उसके बाद भस्म जब पानी के तले में बैठ जाये फिर इसे पी लेना है। इससे सारे पानी की अशुद्धि दूर हो जाएगी और आपको मिलेगा इतने पोषक तत्व। यह लैबोटरी द्वारा प्रमाणित है।
तत्व रूप / ELEMENT FORM
1.ऑक्सीजन O = 46.6 %
2.सिलिकॉन SI = 30.12 %
3.कैल्शियम Ca = 7.71 %
4.मैग्नीशियम Mg = 2.63 %
5.पोटैशियम K = 2.61 %
6.क्लोरीन CL = 2.43 %
7.एल्युमीनियम Al = 2.11 %
8.फ़ास्फ़रोस P = 1.71 %
9.लोहा Fe = 1.46 %
10.सल्फर S =1.46 %
11.सोडियम Na = 1 %
12.टाइटेनियम Ti = 0.19 %
13.मैग्नीज Mn =0.13 %
14.बेरियम Ba = 0.06 %
15.जस्ता Zn = 0.03 %
16.स्ट्रोंटियम Sr = 0.02 %
17.लेड Pb = 0.02 %
18.तांबा Cu = 80 PPM
19.वेनेडियम V=72 PPM
20.ब्रोमिन Br = 50 PPM
21.ज़िरकोनियम Zr 38 PPM
आक्साइड रूप :-
1.सिलिकाँन डाइऑक्साइड – SIO2 = 64.44%
2.कैल्शियम ऑक्साइड – CaO =10.79 %
3.मैग्नीशियम ऑक्साइड – MgO = 4-37 %
4.एल्युमीनियम ऑक्साइड – AI2O3 = 3.99%
5.फास्फोरस पेंटाक्साइड – P2O5 = 3.93%
6.पोटेशियम ऑक्साइड – K2O = 3.14 %
7.सल्फर ऑक्साइड – SO3 = 2.79%
8.क्लोरीन – CL=2.43 %
9.आयरन ऑक्साइड – Fe2O3=2.09%
10.सोडियम ऑक्साइड – Na2O = 1.35 %
11.टाइटेनियम ऑक्साइड – TiO2 = 0.32%
12.मैंगनीज ऑक्साइड – MnO = 0.17 %
13.बेरियम ऑक्साइड – BaO = 0.07 %
14.जिंक ऑक्साइड – ZnO = 0.03%
15.स्ट्रोंटियम ऑक्साइड – SrO = 0.03%
16.लेड ऑक्साइड – PbO = 0.02%
17.वेनेडियम ऑक्साइड – V2O5 = 0.01 %
18.कॉपर ऑक्साइड – CuO = 0.01%
19.जिरकोनियम ऑक्साइड – ZrO2 =52 PPM
20.ब्रोमिन – Br = 50 PPM
- 21. रुबिडियम ऑक्साइड – Rb2O = 32 PPM
शायद आपको मेरी बात समझ में आ चुकी होगी कि शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए यह गोबार की भस्म कितनी उपयोगी है।
इसको बनाने का तरीका है यह प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के बाद देशी गाय के गोबर बिना जमीन पर स्पर्श किये किसी कुचालक टोकरी ( प्लास्टिक को छोड़कर ) सूर्योदय से पूर्व गाय के नीचे से लेना होता है। इसके बाद इसे किसी और सुचालक बांस की टोकरी या घास की टोकरी से दबाकर पतला करके तीन घंटे के लिए छोड़ दें जब इसका रस सूख जाए। तो इसके सूखे उपले को घी की बत्ती से जलाकर भस्म बनायीं जाती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि गोबर से बनाई गयी भस्म हमारे लिये कितनी उपयोगी है, भस्म के अन्दर कितने रासायनिक घटक किस-किस मात्रा में विद्यमान है।
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