Table of Contents
Somvati Amavasya / सोमवती अमावस्या
सोमवती अमावस्या/Somvati Amavasya, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं ।
सोमवती अमावस्या :- दरिद्रता निवारण
अमावस्या के दिन सोमवार का योग होने पर उस दिन देवताओं को भी दुर्लभ हो ऐसा पुण्यकाल होता है क्योंकि गंगा, पुष्कर एवं दिव्य अंतरिक्ष और भूमि के जो सब तीर्थ हैं, वे ‘सोमवती (दर्श) अमावस्या के दिन जप, ध्यान, पूजन करने पर विशेष धर्मलाभ प्रदान करते हैं ।
Know More Shiva Dwadasa Nama Stotram
इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है।
Know More Shiva Tandava Stotram
इनमें किया गया स्नान, दान व श्राद्ध अक्षय होता है ।
इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है।
इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।
…. ….