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9 Types Of Fever Remedies
अनुपान है क्या जानें
जिन पदार्थों में मिलाकर औषधि का सेवन किया जाए उन्हें अनुपान कहते हैं। जैसे शहद, घी, शर्बत, चाशनी आदि या औषधि खाने का बाद दूध, छाछ, काढ़ा, अर्क या पानी आदि पिलाया जाए उसे अनुपान कहते हैं।
रोगों के अनुपान
1.ज्वर में
तुलसी की चाय, तुलसी के पत्तों का रस, अदरक का रस या मिश्री की चाशनी।
2.वातज्वर में
शहद, गिलोय का रस, पटसन या चिराअते का शीत क्वाथ, तुलसी के पत्तों का स्वरस या काढ़ा, लौंग का पानी।
3.पित्त ज्वर में
पटोल पत्र का स्वरस, पित्त पीपल का स्वरस या काढ़ा। गिलोय का स्वरस या काढ़ा, निम्बत्वक काढ़ा या स्वरस, मुस्तकादि काढ़ा।
4.श्लेष्म ज्वर में
शहद, पान का रस, अदरक का रस, तुलसी के पत्तों का रस या काढ़ा।
5.सन्निपात ज्वर में
मोगरे का रस काली मिर्च का क्वाथ या गर्म जल।
Know More Cow Ghee for Nose
6.जीर्ण ज्वर में
शहद, पीपल, जीरा, गुड़, जीरा मिश्री। वर्धमान पीपल, सितोपलादि चूर्ण और शहद या सितोपलादि चूर्ण और घी, धारोष्ण या गर्म करके ठंडा किया गया दूध, शक्कर या सौंठ का चूर्ण।
7.विषम ज्वर में
शहद, पीपल का चूर्ण, हरसिंगार के पत्तों का रस, बेलपत्रों का स्वरस, बेल की जड़ का चूर्ण, नागरमोथा, कुश्द बीज (इन्द्र जो), पाठामूल, आम्रबीज, दाड़िम मूल या फलत्वक, काच के फूल, कुरंज वृक्षत्वद।
8.अतिसार में
छाछ, चावल का धोवन, कुटज की छाल या जड़ को सिल पर पीसकर निकाला गया स्वरस, धान्य पैचक क्वाथ, बेलगिरी का क्वाथ।
9.आमांश में
छाछ, यदि ज्वर हो तो शहद। यदि आव में रक्त हो तो आम का रस, कदली का पानी, ईसबगोल की हिम, सौंफ का अर्क। संग्रहणी- छाछ, दही का निथरा हुआ पानी।
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