Share: Table of Contents ToggleVaishakha Maasवैशाख मास की अंतिम तीन तिथि का महत्व Related posts:Naraka Chaturdashi ko Narakeyatanaon se Raksha12 remedies for Janmashtami do any 1 get benefitSunday SaptamiApara Ekadashi TeluguChhath Puja Vidhi Aur Surya Arghya MantraKarthika Masam15 List of Tithi Benefits for shraddhakarmaVishnupadi SankrantiGanesh Chaturthi par Kalank Nivaaran ke UpaayGupt Navratri se 7 Manokaamana Puree Karana Vaishakha Maas वैशाख मास की अंतिम तीन तिथि का महत्व स्कन्दपुराण के वैष्णव खण्ड के अनुसार यास्तिस्रस्तिथयः पुण्या अंतिमाः शुक्लपक्षके ।। वैशाखमासि राजेंद्र पूर्णिमांताः शुभावहाः ।। अन्त्याः पुष्करिणीसंज्ञाः सर्वपापक्षयावहाः ।। माधवे मासि यः पूर्णं स्नानं कर्त्तुं न च क्षमः ।। तिथिष्वेतासु स स्नायात्पूर्ण मेव फलं लभेत् ।। सर्वे देवास्त्रयोदश्यां स्थित्वा जंतून्पुनंति हि ।। पूर्णायाः पर्वतीर्थैश्च विष्णुना सह संस्थिताः ।। चतुर्दश्यां सयज्ञाश्च देवा एतान्पुनंति हि ।। वैशाख मास/Vaishakha Maas की अंतिम तीन तिथि (त्रियोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा) बहुत पवित्र और शुभकारक हैं उनका नाम “पुष्करिणी” है। ये सब पापों का क्षय करनेवाली हैं | जो सम्पूर्ण वैशाख मास में ब्राम्हमुहूर्त में पुण्यस्नान, व्रत, नियम आदि करने में असमर्थ हों, वह यदि इन ३ तिथियों में भी उसे करें तो वैशाख मास का पूरा फल पा लेता है | Know More Ashada Masam Visistatha ब्रह्मघ्नं वा सुरापं वा सर्वानेतान्पुनंति हि ।। एकादश्यां पुरा जज्ञे वैशाख्याममृतं शुभम् ।। द्वादश्यां पालितं तच्च विष्णुना प्रभविष्णुना ।। त्रयोदश्यां सुधां देवान्पाययामास वै हरिः ।। जघान च चतुर्दश्यां दैत्यान्देवविरोधिनः ।। पूर्णायां सर्वदेवानां साम्राज्याऽऽप्तिर्बभूव ह ।। ततो देवाः सुसंतुष्टा एतासां च वरं ददुः ।। तिसृणां च तिथीनां वै प्रीत्योत्फुल्लविलोचनाः ।। एता वैशाख मासस्य तिस्रश्च तिथयः शुभाः ।। पुत्रपौत्रादिफलदा नराणां पापहानिदाः ।। योऽस्मिन्मासे च संपूर्णे न स्नातो मनुजाधमः ।। तिथित्रये तु स स्नात्वा पूर्णमेव फलं लभेत् ।। तिथित्रयेप्यकुर्वाणः स्नानदानादिकं नरः ।। चांडालीं योनिमासाद्य पश्चाद्रौरवमश्नुते ।। पूर्वकाल में वैशाख शुक्ल एकादशी को शुभ अमृत प्रकट हुआ। द्वादशी को भगवान विष्णु ने उसकी रक्षा की। त्रयोदशी को उन श्री हरि ने देवताओं को सुधापान कराया। चतुर्दशी को देवविरोधी दैत्यों का संहार किया और पूर्णिमा के दिन समस्त देवताओं को उनका साम्राज्य प्राप्त हो गया। इसलिए देवताओं ने संतुष्ट होकर इन तीन तिथियों को वर दिया – “वैशाख की ये तीन शुभ तिथियाँ मनुष्यों के पापों का नाश करने वाली तथा उन्हें पुत्र-पौत्रादि फल देनेवाली हों। जो सम्पूर्ण वैशाख में प्रात: पुण्य स्नान न कर सका हो, वह इन तिथियों में उसे कर लेने पर पूर्ण फल को ही पाता है। वैशाख में लौकिक कामनाओं को नियंत्रित करने पर मनुष्य निश्चय ही भगवान विष्णु का सायुज्य प्राप्त कर लेता है।” गीतापाठं तु यः कुर्यादंतिमे च दिनत्रये ।। दिनेदिनेऽश्वमेधानां फलमेति न संशयः ।। जो वैशाख मास में अंतिम ३ दिन ‘गीता’ का पाठ करता है, उसे प्रतिदिन अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है | सहस्रनामपठनं यः कुर्य्याच्च दिनत्रये ।। तस्य पुण्यफलं वक्तुं कः शक्तो दिवि वा भुवि ।। जो इन तीनों दिन ‘श्रीविष्णुसहस्रनाम’ का पाठ करता है, उसके पुण्यफल का वर्णन करने में तो इस भूलोक व स्वर्गलोक में कौन समर्थ है | जो इन तीन दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करता है उसके पुण्यफल की व्याख्या करने में पृथ्वीलोक तथा स्वर्गलोक में कोई समर्थ नहीं। Know More Magha Masam Significance सहस्रनामभिर्देवं पूर्णायां मधुसूदनम् ।। पयसा स्नाप्य वै याति विष्णुलोकमकल्मषम् ।। जो वैशाख पूर्णिमा को सहस्रनामों के द्वारा भगवान् मधुसूदन को दूध से स्नान कराता है वो वैकुण्ठ धाम को जाता है। यो वै भागवतं शास्त्रं शृणोत्येतद्दिनत्रये ।। न पापैर्लिप्यते क्वाऽपि पद्मपत्रमिवांभसा ।। जो वैशाख के अंतिम ३ दिनों में ‘भागवत’ शास्त्र का श्रवण करता है, वह जल में कमल के पत्तों की भांति कभी पापों में लिप्त नहीं होता | देवत्वं मनुजैः प्राप्तं कैश्चित्सिद्धत्वमेव च ।। कैश्चित्प्राप्तो ब्रह्मभावो दिनत्रयनिषेवणात् ।। इन अंतिम ३ दिनों में शास्त्र-पठन व पुन्य्कर्मों से कितने ही मनुष्यों ने देवत्व प्राप्त कर लिया और कितने ही सिद्ध हो गये | अत: वैशाख के अंतिम दिनों में स्नान, दान, पूजन अवश्य करना चाहिए | …. …. Related posts:Don't Eat Rice on Vaikunta Ekadashi10 Powerful Benefits of wealth on Raksha BandhanVishnupadi SankrantiChandra GrahanChhath Puja Vidhi Aur Surya Arghya Mantra3 Best Powerful Mantra Chant on DussehraVaikunta Chaturthi12 remedies for Janmashtami do any 1 get benefitKarthika MasamGuru Purnima 2017-05-08