Share:

Health Benefits Of Pavanamuktasana Yoga

Health Benefits Of Pavanamuktasana Yoga

शरीर में स्थित पवन (वायु) यह आसन करने से मुक्त होता है। इसलिए इसे पवनमुक्तासन कहा जाता है। ध्यान मणिपुर चक्र में। श्वास पहले पूरक फिर कुम्भक और रेचक।

पवनमुक्तासन के विधि

Pavanamuktasana

भूमि पर बिछे हुए आसन पर चित्त होकर लेट जायें। पूरक करके फेफड़ों में श्वास भर लें। अब किसी भी एक पैर को घुटने से मोड़ दें। दोनों हाथों की अंगुलियों को परस्पर मिलाकर उसके द्वारा मोड़े हुए घुटनों को पकड़कर पेट के साथ लगा दें। फिर सिर को ऊपर उठाकर मोड़े हुए घुटनों पर नाक लगाएं। दूसरा पैर ज़मीन पर सीधा रहे।

इस क्रिया के दौरान श्वास को रोककर कुम्भक चालू रखें। सिर और मोड़ा हुआ पैर भूमि पर पूर्ववत् रखने के बाद ही रेचक करें। दोनों पैरों को बारी-बारी से मोड़कर यह क्रिया करें। दोनों पैर एक साथ मोड़कर भी यह आसन हो सकता है।

पवनमुक्तासन के लाभ

पवनमुक्तासन के नियमित अभ्यास से पेट की चरबी कम होती है। पेट की वायु नष्ट होकर पेट विकार रहित बनता है। कब्ज दूर होता है। पेट में अफारा हो तो इस आसन से लाभ होता है। प्रातःकाल में शौचक्रिया ठीक से न होती हो तो थोड़ा पानी पीकर यह आसन 15-20 बार करने से शौच खुलकर होगा।

Know More Health Benefits Of Bhujangasana Yoga

इस आसन से स्मरणशक्ति बढ़ती है। बौद्धिक कार्य करने वाले डॉक्टरवकील, साहित्यकार, विद्यार्थी तथा बैठकर प्रवृत्ति करने वाले मुनीम, व्यापारी आदि लोगों को नियमित रूप से पवनमुक्तासन करना चाहिए।

…. Praying_Emoji_grande Praying_Emoji_grande ….