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19 Arogya Sutras According to Ayurveda

19 Arogya Sutras According to Ayurveda

स्वास्थ्यरक्षक 19 आरोग्य सूत्र आयुर्वेदानुसार

1. पेट के बल लेटकर पढ़ना या सोना नहीं चाहिए।

2. बालों को धोने के तुरन्त बाद अच्छी तरह सुखा लेना चाहिए।

3. हर समय उंगलियां चटकाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

4. दिन में कम से कम 8 से 12 गिलास (2.5 से 3 लीटर) पानी जरुर पीयें।

5. सदैव रीढ़(कमर) को सीधी रखकर बैठें। जमीन पर बैठकर बिना सहारे उठें।

6. नहाने के पानी में नींबू का रस मिलाकर नहाने से शरीर की दुर्गन्ध दूर होती है।

7. रात्रि को जल्दी सोना और प्रातः जल्दी (सूर्योदय से पहले) जागना स्वास्थ्य के लिए उत्तम है।

8. मलत्याग करते समय दाँतों को दबाकर या भींचकर रखने से वृद्धावस्था में भी दाँत नहीं हिलते।

9. रोग को कभी भी छोटा नही समझना चाहिए। ध्यान न देने पर सामान्य रोग भी भयंकर रुप धारण कर सकता है।

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10. भोजन के उपरान्त कम से कम 10 मिनट तक वज्रासन में बैठें तथा यदि संमभ हो तो रात्रि के भोजन के बाद थोड़ा भ्रमण करें।

11. रात्रि के समय दही का सेवन करना और दिन के समय (ग्रीष्म-ऋतु को छोड़कर अन्य ऋतुओं में )सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

12. मोटापा और पतलापन, दोनों ही अवांछित हैं , परन्तु मोटापा अपेक्षाकृत अधिक कष्टदायक है, क्योंकि यह अनेक रोगों की जड़ है , अतः इससे सावधान रहें।

13. भोजन करते समय मन पूर्णतः शान्त और प्रसन्न रहना चाहिए। सारे दिन में कम से कम भोजन का समय तो मनुष्य को केवल अपने लिए सुरक्षित रखना चाहिए।

14. प्रातः मुँह में पानी भरकर ठण्डे जल से आँखो में छींटे मारे। अँगूठे से मुँह में स्थित तालु की सफाई करने से आँख, कान, नाक एवं गले के रोग नहीं होते।

15. मुँह ढ़क कर न सोयें। रात को कमरे में वायु-संचार को पूर्णतया अवरुद्ध न करें। बाई करवट सोने से दायां स्वर चलता है , जो भोजन पचाने में सहायक होता हैं।

16. स्नान करने पूर्व दोनों पैरों के अंगूठो में सरसो का तेल मलने से वृद्धावस्था तक नेत्रो की ज्योति कमजोर नहीं होती। प्रातः नंगे पाँव हरी घास पर टहलें, इससे आँखो की रोशनी बढ़ती है। सप्ताह में एक बार पूरे शरीर की तिल या सरसों के तेल से मालिश करें तथा पैरों के पंजों की भी मालिश करें।

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17. भोजन में हरी सब्जी व सलाद का पर्याप्त मात्रा में प्रयोग करें। अधिक गर्म और अधिक ठण्डी वस्तुएँ पाचन के लिए हानिकारक हैं। भोजन में मिर्च मसालो का प्रयोग कम करें। प्रतिदिन मौसम के फलों का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए अति उतम हैं। फलों को भोजन के साथ न लेकर अलग से भोजन के पश्चात खायें।

18. प्रातः उठकर 1-2 गिलास गुनगुना पानी पीयें ,यही उषःपान है। गुनगुने पानी में आधा चम्मच नींबू का रस एवं एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से विशेष लाभ होता है। सुबह खाली पेट चाय व काँफी का सेवन कभी न करें।

19. व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक हैं, अतः यह दिनचर्या का अनिवार्य अंग होना चाहिए। परन्तु अपनी शारिरिक शक्ति से अधिक व्यायाम या श्रम करना बहुत हानिकारक हैं।

 

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